निदेशालय अल्पसंख्यक कल्याण देहारादून उत्तराखण्ड
भारत का संविधान’’ में देश को एक संपूर्ण प्रभुत्व-सम्पन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य घोषित किया गया है। संविधान में धर्म या भाषा पर आधारित सभी अल्पसंख्यक वर्गो को अपनी रूचि की शिक्षण संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन का अधिकार भी दिया गया है। अल्पसंख्यक वर्गों की सामाजिक एवं आर्थिक पृष्ठभूमि के परिप्रेक्ष्य में उनकी विशिष्ट समस्याओं का निराकरण करने एवं उनका शैक्षिक, सामाजिक एवं आर्थिक विकास करके उन्हें राष्ट्र एवं समाज की मुख्यधारा में लाने के उद्देश्य से विभाग द्वारा अनेक योजनाऐं चलाई जा रही है। ऐसी योजनाओं के क्रियान्वयन, संचालन एवं समन्वय के लिये अल्पसंख्यक कल्याण विभाग प्रतिबद्व हंै। शासनादेश संख्या-1183/XVII-3/11-07(63)/2006 दिनांक 02 दिसम्बर, 2011 द्वारा उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय के गठन की स्वीकृति प्रदान करते हुए उत्तराखण्ड सचिवालय प्रशासन के कार्यालय ज्ञाप संख्या- 510/XXXI(1)/2002 देहरादून दिनांक 24 अप्रैल, 2012 द्वारा पृथक अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय गठित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अन्तर्गत आने वाली विभिन्न योजनाओं के संचालन तथा विभाग के विभिन्न अंगो के मध्य समन्वय किये जाने लिए अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय का गठन किया गया है।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के पत्र सं0 F.No-4-3/2015 एवं पत्र सं0 F.No-2/37(2)/2014 S.S. दिनांक 22.08.2014 में दिये गये दिशा- निर्देशों के क्रम में निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण उत्तराखण्ड देहरादून द्वारा की गयी संस्तुति पर विचारोपरान्त सचिव, अल्पसंख्यक कल्याण उत्तराखण्ड शासन द्वारा पत्र सं0 957(1)XVII-3/15-(29)/2015 दिनांक 15, जुलाई, 2015 के द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय को अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र हेतु शासनादेश जारी किया गया।इस प्रकार वर्तमान में अल्पसंख्यक समुदाय में निम्न समुदाय सम्मिलित हैं।