उत्तराखण्ड राज्य पूर्ववर्ती राज्य उत्तर प्रदेश से अलग होकर दिनांक 09 नवम्बर, 2000 को अस्तित्व में आया। भारत सरकार के आदेश दिनांक 5.08.2003 को पूर्ववर्ती राज्य उत्तर प्रदेश से उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड को पृथक करते हुए उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत आने वाली 2032 सुन्नी एवं 21 शिया वक्फ सम्पत्तियों पर उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड का नियंत्रण में होगी इस आशय का आदेश पारित किया गया था।
वक्फ अधिनियम 1995 की धारा 102 की उपधारा (2) के अधीन पारित आदेश के अनुसरण में दिनांक 06 सितम्बर, 2003 की अधिसूचना संख्या 2416 के तहत उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड का गठन किया गया, तत्पश्चात उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड द्वारा अपना कार्य प्रारम्भ कर दिया गया।
राज्य सरकार द्वारा नियुक्त/नामित बोर्ड के मा0 सदस्यगणों द्वारा बोर्ड के प्रथम अध्यक्ष हेतु दिनांक 08.11.2004 में हुए चुनाव में सर्व सम्पत्ति से चौ0 रईस अहमद को अध्यक्ष चुना तथा प्रथम बोर्ड का कार्यकाल दिनांक 08.11.2004 से दिनांक 25.12.2007 तक रहा। शासन द्वारा जारी अधिसूचना संख्या 1166 दिनांक 26 दिसम्बर, 2007 के द्वारा वक्फ अधिनियम 1995 की धारा 99 की शक्तियों का प्रयोग करे हुए उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड को अधिक्रमित किया गया तथा जिलाधिकारी, देहरादून को बोर्ड का प्रशासक नियुक्त किया गया।
जिलाधिकारी, देहरादून/प्रशासक, उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड जिनका कार्यकाल दिनांक 26.12.2007 से 22.06.2010 तक रहा।
बोर्ड के दुसरे अध्यक्ष श्री हाजी राव शराफत अली बने जिनका कार्यकाल दिनांक 01.07.2010 से 25.04.2012 तक रहे, शासन द्वारा उन्हें पदमुक्त किया गया।
बोर्ड के तीसरे अध्यक्ष श्री राव काले खॉं रहे जो कि दिनांक 16.02.2013 से दिनांक 21 जून, 2015 तक बोर्ड के अध्यक्ष रहे। इस प्रकार से द्वितीय बोर्ड द्वारा अपना कार्यकाल पूर्ण किया।
द्वितीय बोर्ड का कार्यकाल दिनांक 21.06.2015 को समाप्त हो जाने के उपरान्त अल्पसंख्यक कल्याण, उत्तराखण्ड शासन द्वारा जारी अधिसूचना संख्या 353 दिनांक 26 मई, 2016 के द्वारा बोर्ड के कार्यों के सुचारू संचालन हेतु जिलाधिकारी, देहरादून को बोर्ड का प्रशासक नियुक्त किया गया था जो कि दिनांक 26.05.2016 से दिनांक 04.12.2016 तक बोर्ड के प्रशासक रहे।
शासन द्वारा अधिसूचना संख्या 1543 दिनांक 25 अक्टूबर, 2016 एवं अधिसूचना संख्या 1684 दिनांक 23 नवम्बर, 2016 के द्वारा तृतीय बोर्ड का गठन किया गया तथा बोर्ड के दिनांक 05 दिसम्बर, 2016 को हुए चुनाव में बोर्ड के चतुर्थ अध्यक्ष श्री हाजी मौहम्मद अकरम निर्वाचित हुए थे, लेकिन मा0 उच्च न्यायालय, नैनीताल द्वारा दिनांक 28.12.2016 को शासन द्वारा बोर्ड के मा0 सदस्यगणों की नियुक्ति हेतु जारी अधिसूचना को स्टे कर दिया गया है, उक्त के विरूद्ध शासन स्तर पर इस सम्बन्ध में अग्रिम कार्यवाही विचाराधीन है।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अन्य राज्यों की भांति वित्तीय वर्ष 2010-11 में उत्तराखण्ड राज्य के वक्फ अभिलेखों के कम्प्यूटराईजेशन हेतु रू0 27.10 लाख की धनराशि उपलब्ध कराई गई थी जिसके तहत उत्तराखण्ड राज्य में वक्फ अभिलेखों का निम्नलिखित कार्य पूर्ण हो चुका है। जिसका उपयोगिता प्रमाण पत्र पूर्व में प्रेषित कर दिया गया है।